B.ED और Special B.ED में क्या है फर्क? कौन करे कौन नहीं? जानें पूरी डिटेल्स एक क्लिक में

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B.ED और Special B.ED में फर्क जानना हर उम्मीदवार के लिए जरूरी है। दोनों कोर्स शिक्षक बनने के लिए हैं, लेकिन इनके उद्देश्य, पाठ्यक्रम और नियामक संस्थाएं अलग हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कौन सा कोर्स किसके लिए उपयुक्त है।

B.ED और Special B.ED में अंतर

B.ED और Special B.ED दोनों शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के लिए जरूरी डिग्री हैं। लेकिन इनमें बड़ा अंतर यह है कि B.ED सामान्य छात्रों को पढ़ाने के लिए होता है, जबकि Special B.ED विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को पढ़ाने के लिए होता है। इसलिए जो उम्मीदवार दिव्यांग या विशेष छात्रों के साथ काम करना चाहते हैं, उनके लिए Special B.ED जरूरी है।

B.ED और Special B.ED का ओवरव्यू

विशेषताB.EDSpecial B.ED
उद्देश्यसामान्य छात्रों को पढ़ानाविशेष आवश्यकता वाले छात्रों को पढ़ाना
पाठ्यक्रमसामान्य शिक्षण विधियांविशेष शिक्षा के सिद्धांत और विधियां
इंटर्नशिपसामान्य स्कूलविशेष स्कूल/समावेशी कक्षा
नियामक संस्थाएनसीटीई (NCTE)आरसीआई (RCI)
अवधि2 वर्ष (नए नियमों के तहत 1 वर्ष भी)4 वर्ष
योग्यतास्नातक डिग्रीस्नातक डिग्री
प्रवेश प्रक्रियाप्रवेश परीक्षा या मेरिट लिस्टप्रवेश परीक्षा या मेरिट लिस्ट

B.ED क्या है?

B.ED यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन एक प्रोफेशनल कोर्स है। यह कोर्स स्नातक के बाद किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सामान्य छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक तैयार करना है। इसमें सामान्य शिक्षण विधियों, कक्षा प्रबंधन और विषय-विशेष शिक्षण तकनीकों पर ध्यान दिया जाता है।

Special B.ED क्या है?

Special B.ED विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को पढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया कोर्स है। इसमें श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित, मानसिक मंदता या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार वाले बच्चों को पढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसका नियामक संस्था आरसीआई (Rehabilitation Council of India) है।

कौन करे कौन नहीं?

B.ED करने वाले उम्मीदवार सामान्य स्कूलों में शिक्षक बन सकते हैं। अगर कोई उम्मीदवार विशेष छात्रों के साथ काम करना चाहता है, तो उसे Special B.ED करना चाहिए। बिना Special B.ED के विशेष शिक्षक के पद पर नौकरी नहीं मिल सकती।

नए नियम क्या हैं?

एनसीटीई ने 2026-27 से 1 साल का B.ED कोर्स वापस लाने का फैसला किया है। इसके लिए उम्मीदवार को 4 साल की स्नातक डिग्री या पीजी डिग्री होनी चाहिए। 3 साल की स्नातक डिग्री वाले छात्रों के लिए 2 साल का B.ED ही जारी रहेगा।

करियर अवसर

B.ED करने के बाद उम्मीदवार स्कूलों में शिक्षक बन सकते हैं। Special B.ED करने वाले उम्मीदवार विशेष स्कूलों, एनजीओ, मीडिया या शैक्षणिक संस्थानों में नौकरी पा सकते हैं। इनकी मांग बढ़ रही है क्योंकि समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  • क्या Special B.ED वाले सामान्य स्कूल में पढ़ा सकते हैं?
    हां, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने कहा है कि Special B.ED और B.ED दोनों डिग्री एक समान हैं। इसलिए Special B.ED वाले सामान्य स्कूल में भी पढ़ा सकते हैं।
  • क्या B.ED वाले विशेष शिक्षक बन सकते हैं?
    हां, लेकिन उन्हें विशेष शिक्षा में डिप्लोमा या पीजी डिप्लोमा करना होगा।

निष्कर्ष

B.ED और Special B.ED दोनों अलग-अलग उद्देश्यों के लिए हैं। उम्मीदवार को अपनी रुचि और करियर लक्ष्य के आधार पर चुनाव करना चाहिए। दोनों कोर्स सरकारी नियमों के तहत मान्य हैं।

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