Navratri Vrat 2025: 7 जगहों के 21 स्पेशल व्यंजन, इस नवरात्रि मिल रहा फ्री में मौका

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नवरात्रि में चाहे देश का कोई भी भाग हो, उपवास और विशेष भोजन का महत्व हर जगह खास होता है। यह त्योहार केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और खानपान की समृद्ध परंपराओं को भी दर्शाता है। भारत की विविधता इस बात से भी झलकती है कि हर राज्य में उपवास के दिनों में बनाए जाने वाले पकवान अलग-अलग होते हैं। कहीं साबूदाने की खिचड़ी सर्वोपरि है तो कहीं सिंघाड़े के आटे से बने लड्डू, वहीं दक्षिण भारत में नारियल और केले से बनी मिठाइयों का स्वाद अलग अहसास देता है।

उपवास का मूल उद्देश्य शरीर और मन दोनों को शुद्ध करना है। भोजन हल्का, सात्त्विक और पौष्टिक बनाया जाता है ताकि ऊर्जा बनी रहे और भक्ति के साथ स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा सके। नवरात्रि के दौरान व्रत में प्याज, लहसुन और कई अनाज नहीं खाए जाते। इसकी जगह कुट्टू या राजगीरे के आटे, सिंघाड़े के आटे, आलू, अरबी, मूंगफली, दही, दूध, और हल्के मसालों का प्रयोग होता है। हर राज्य इन नियमों के अनुसार अपनी-अपनी परंपरा और स्वाद के अनुसार उपवास का खाना तैयार करता है।

भारत के हर राज्य में नवरात्रि और व्रत के खाने को लेकर खास उत्साह होता है। कई राज्यों में विशेष मेलों और देवी पंडालों में व्रत का प्रसाद और भोजन वितरित किया जाता है। खासकर उत्तर भारत और पश्चिम भारत में क्षेत्रीय पकवानों की मिठास नवरात्रि को और भी विशेष बना देती है।

Navratri Vrat 2025

उत्तर भारत के व्रत के पकवान

उत्तर भारत में नवरात्रि के व्रत में सबसे आम और प्रसिद्ध खाना होता है साबूदाने की खिचड़ी। इसमें मूंगफली, आलू और हल्के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही साबूदाने के पापड़ और वड़ा भी खूब पसंद किए जाते हैं।

दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में लोग सिंघाड़े के आटे से पूरी, कुट्टू की रोटियां और आलू की सब्जी खाते हैं। मिठाई में मखाने की खीर और साबूदाने की खीर प्रमुख मानी जाती हैं। उपवास में सबसे लोकप्रिय खाना यहीं का आलू टिक्की भी है, जिसे सेंधा नमक और मूंगफली के साथ परोसा जाता है।

पश्चिम भारत का उपवास भोजन

गुजरात और राजस्थान में नवरात्रि का महत्व बेहद बड़ा है। यहाँ साबूदाने की खिचड़ी, शकरकंद की चाट और राजगीरे के लड्डू आम हैं। खासकर गुजरात में लोग सामक के चावल का पुलाव, दही आलू और फराली ढोकला खाते हैं।

महाराष्ट्र में उपवास में साबूदाना वडा सबसे खास व्यंजन माना जाता है। हरे धनिए, हरी मिर्च और मूंगफली के स्वाद के साथ इस वडा का स्वाद अनोखा लगता है। इसके साथ मिठाई में सामक की खीर खूब बनाई जाती है।

दक्षिण भारत के व्रत के पकवान

दक्षिण भारत में व्रत के भोजन में नारियल, केला और कूटू का विशेष महत्व है। तमिलनाडु और केरल में लोग पायसम (खीर), नारियल-गुड़ की मिठाई और केले के चिप्स खाते हैं। साधारणत: व्रत के दौरान यहाँ हल्के पकवान जैसे उपमा (साबूदाने से) और नारियल के साथ फ्रूट मीठाई बनाई जाती हैं।

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में उपवास का अलग स्वाद है। यहाँ राजगीरा लड्डू, मूंगफली की चटनी और आँवले का पचड़ी भी लोकप्रिय है। खासकर कर्नाटक में व्रत के समय केले और पपीते का विशेष उपयोग होता है।

पूर्वी भारत का उपवास भोजन

पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में नवरात्रि के दिनों में मखाने की खीर और साबूदाने की पायेस (खीर) बनाई जाती है। ओडिशा में अरबी और आलू की हल्की तरकारी, साथ ही केले और नारियल आधारित पकवान ज्यादा पसंद किए जाते हैं।

बंगाल में नवरात्रि के व्रत दिनों में लोग फलाहार को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। फल सलाद में केला, सेब, अनार और मौसमी फल खाए जाते हैं। साथ ही लोग दूध-चाय की जगह नारियल पानी और लस्सी का इस्तेमाल करके ऊर्जा बनाए रखते हैं।

मध्य भारत का उपवास भोजन

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नवरात्रि के दौरान साबूदाना खिचड़ी और कुट्टू की पूरी मुख्य व्यंजन के रूप में गिने जाते हैं। यहाँ खास मिठाइयों में सिंघाड़े के हलवे और मखाने की खीर को महत्व दिया जाता है।

ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक ढंग से व्रत का खाना बनाया जाता है जिसमें सिर्फ देसी घी, आलू, सेंधा नमक और कुट्टू के आटे का प्रयोग दिखता है। छत्तीसगढ़ में लोग उपवास में नारियल के लड्डू और गुड़-तिल के विशेष व्यंजन भी खाते हैं।

सरकार और उपवास में भोजन की व्यवस्था

नवरात्रि सिर्फ परिवार का पर्व नहीं बल्कि सामुदायिक उत्सव भी है। कई राज्यों में नवरात्रि के समय सरकारी स्तर पर लंगर और प्रसाद वितरण शिविर लगाए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में नगर निगम और स्थानीय प्रशासन द्वारा सामूहिक उपवास भोजन (फलाहार) की व्यवस्था की जाती है।

दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे बड़े शहरों में मंदिर कमेटियां और ट्रस्ट मिलकर व्रतियों के लिए निशुल्क भोजन वितरित करते हैं। इस दौरान सरकार ऊर्जा और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देती है ताकि बड़ी संख्या में लोग सुरक्षित भोजन पा सकें। कुछ जगहों पर महिलाओं और गरीब परिवारों के लिए सरकार और एनजीओ मिलकर फलाहार किट भी बांटते हैं, जिसमें साबूदाना, सेंधा नमक, मूंगफली और आटा शामिल होते हैं।

निष्कर्ष

नवरात्रि का उपवास भारत की संस्कृति और खानपान की विविधता को दर्शाता है। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक हर राज्य में व्रत के पकवानों का अनोखा स्वाद मिलता है। यह पर्व केवल धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि लोगों को जुड़ने और परंपराओं को सहेजने का मौका भी देता है। व्रत का भोजन सरल होने के साथ-साथ पौष्टिक भी है, जो शरीर और मन दोनों को संतुलित रखता है।

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