भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अक्टूबर 2025 से ₹500 के नोटों को लेकर कुछ नए नियम लागू किए हैं, जो आम जनता के लिए अहम बदलाव लेकर आए हैं। हालांकि यह नियम ₹500 के नोटों को पूरी तरह बंद करने या इस्तेमाल से बाहर करने का संकेत नहीं है, लेकिन यह नकदी व्यवस्था को और अधिक सुविधाजनक और जनता के दैनिक लेन-देन के लिए उपयोगी बनाने की योजना का हिस्सा है। RBI का मूल उद्देश्य छोटे मूल्य के नोटों जैसे ₹100 और ₹200 के नोटों की उपलब्धता बढ़ाकर लोगों को छुट्टे पैसे पाने में आने वाली दिक्कतों से राहत देना है।
इस नए नियम के तहत RBI ने बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे अपने एटीएम में ₹100 और ₹200 के नोटों की आवृत्ति बढ़ाएं। 30 सितंबर 2025 तक, 75% एटीएम में कम से कम एक कैसेट में ₹100 या ₹200 के नोट होने चाहिए, और 31 मार्च 2026 तक यह लक्ष्य बढ़कर 90% हो जाएगा। इससे बैंक ग्राहकों को छोटे नोट मिलना आसान होगा, खासतौर पर वे लोग जो रोजमर्रा के छोटे खर्चों के लिए नकद का इस्तेमाल करते हैं। यह कदम ₹500 के नोटों को खत्म करने या उनकी वैधता को कम करने के लिए नहीं है, बल्कि नकद लेन-देन की सहजता बढ़ाने के उद्देश्य से है।
RBI New Rule 2025
RBI ने अप्रैल 2025 में एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया कि वे अपने एटीएम में ₹100 और ₹200 के नोटों की स्मृद्धि सुनिश्चित करें। इस सर्कुलर के तहत निर्धारित किया गया कि 30 सितंबर 2025 तक 75% और 31 मार्च 2026 तक 90% एटीएम में ये छोटे मूल्यवर्ग के नोट होंगे। इसका उद्देश्य ऐसे नोटों की उपलब्धता बढ़ाना है जो ज्यादा छोटे लेन-देन में इस्तेमाल होते हैं, जिससे ग्राहकों को छुट्टे पैसे मिलना सरल हो।
इस नियम के पीछे की वजह आम जनता की नकदी ज़रूरतों को बेहतर समझना है। छोटे और मध्यम रकम के लेन-देन में ₹100 और ₹200 के नोट ज़्यादा इस्तेमाल होते हैं जबकि ₹500 के नोट आम तौर पर मध्य से बड़े लेन-देन में आते हैं। पिछले अनुभवों और सर्वेक्षणों के आधार पर RBI ने यह महसूस किया कि अभी भी कई लोगों के लिए छोटे नोटों की अनुपलब्धता एक बड़ी समस्या है, जो लेन-देन को जटिल बना देती है।
यह कोई भी घोषणा ₹500 के नोटों को पूरी तरह बंद करने की नहीं है। वित्त मंत्रालय और RBI दोनों ने स्पष्ट किया है कि ₹500 का नोट वैध मुद्रा के रूप में जारी रहेगा। इस नियम का मकसद केवल छोटे नोटों की आपूर्ति और पहुंच को बढ़ाना है, ताकि लोकल और ग्रामीण इलाकों में भी छोटे नोट आसानी से उपलब्ध हो सकें। इसलिए, इस नियम को लेकर फैली अफवाहें कि ₹500 के नोट बंद हो जाएंगे, पूरी तरह गलत हैं।
यह नियम किस तरह प्रभावित करेगा आम जनता को?
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा आम जनता को मिलेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां डिजिटल भुगतान अभी भी पूरी तरह से पहुंच में नहीं है। छोटे नोटों की उपलब्धता से दुकानदार, छोटे व्यापार और ग्राहक सभी को फायदा होगा। लोग छोटे बिल और खरीदारी में सहजता से भुगतान कर पाएंगे और छुट्टे पैसे की कमी नहीं महसूस करेंगे।
इसके अलावा, एटीएम से निकासी के दौरान ₹100 और ₹200 के नोट मिलने से कैश मैनेजमेंट आसान हो जाएगा। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए मददगार होगा जो एटीएम से बार-बार पैसा निकालते हैं और छोटे नोटों की कमी को लेकर समस्याओं का सामना करते हैं। इससे नकदी लेन-देन में पारदर्शिता भी बढ़ेगी और नकदी का सुचारू वितरण होगा।
वहीं, बैंक और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को भी इस नियम को लागू करने के लिए तकनीकी और लॉजिस्टिक तैयारियां करनी होंगी, जैसे कि एटीएम के नोट कैसेट में छोटे नोटों की अधिक संख्या सुनिश्चित करना। इससे एटीएम की सर्विसिंग और कैश रिफिलिंग प्रबंधन में बदलाव आएगा परन्तु इससे ग्राहकों की सुविधा में काफी सुधार होगा।
कैसे होगा लागू? किन एटीएम में होगा बदलाव?
RBI ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह नियम सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों पर लागू होगा। इसका मतलब यह है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी बैंक के एटीएम और आमतौर पर मिलने वाले अन्य एटीएम ऑपरेटरों को अपने एटीएम में ₹100 और ₹200 के नोटों की उपलब्धता बढ़ानी होगी।
यह बदलाव चरणबद्ध तरीके से होगा, पहले 30 सितंबर 2025 तक 75% एटीएम में छोटे नोट सुनिश्चित किए जाएंगे। इसके बाद 31 मार्च 2026 तक यह प्रतिशत 90 तक पहुंचाया जाएगा। इससे ग्राहकों को लगातार बेहतर सेवा मिलेगी और एटीएम में छोटे नोट मिलना सुनिश्चित होगा।
लोगों को इस बदलाव के लिए अतिरिक्त कुछ आवेदन या प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है। यह पूरी तरह बैंक और ATM ऑपरेटर की जिम्मेदारी होगी कि वे इस नियम का अनुपालन करें। ग्राहकों को केवल एटीएम से निकासी करते समय छोटे नोटों के विकल्प उपलब्ध रहने की उम्मीद करनी चाहिए।
सरकार और RBI का मकसद क्या है?
सरकार और RBI का मकसद नकदी लेन-देन को आसान बनाना और छोटे नोटों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। इससे खासतौर पर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में नकदी की समस्या कम होगी, जहां डिजिटल भुगतान अभी पूर्ण रूप से लोकप्रिय नहीं है। छोटे और मध्यम स्तर के लेन-देन के लिए छोटे नोटों का होना जरूरी है ताकि रोजमर्रा की खरीदारी में आसानी हो।
इसके अलावा, यह कदम नकद प्रणाली में परिसंचरण को बेहतर बनाएगा और नकदी प्रबंधन को सुचारू करेगा। छोटे नोट मिलने से कामकाजी जनता, दुकानदार, छोटे व्यापारी और रहवासी सभी को फायदा होगा। सरकार डिजिटल इंडिया की पहल के साथ-साथ नकदी के प्रबंध को भी मजबूत करना चाहती है।
निष्कर्ष
RBI का नया नियम ₹500 के नोटों के इस्तेमाल को कम करने या खत्म करने के लिए नहीं है। यह केवल छोटे नोटों की बेहतर उपलब्धता के लिए एक सकारात्मक कदम है। 1 अक्टूबर 2025 से लागू यह नियम लोगों को एटीएम से छोटे नोट निकालने में मदद करेगा और नकदी लेन-देन को आसान बनाएगा। इसलिए ₹500 के नोट को लेकर किसी भी अफवाह या भ्रम से बचना चाहिए क्योंकि वे वैध मुद्रा के रूप में जारी रहेंगे। यह बदलाव जनता की सुविधा को बढ़ाने के लिए है और आर्थिक व्यवहार को सरल बनाएगा।