भारत में सोना और चांदी दोनों की कीमतें अक्सर बदलती रहती हैं, जो घरेलू और वैश्विक बाजार की स्थितियों, आर्थिक खबरों, और निवेशकों की मांग पर निर्भर करती हैं। सितंबर 2025 में सोने और चांदी के दामों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। लगभग महीने के शुरुआत में सोने के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुँचकर फिर अचानक नीचे आए हैं। इस बदलाव की वजह से निवेशक, खरीदार और आभूषण व्यापारी सभी प्रभावित हुए हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि सोना और चांदी के दाम क्यों गिरे हैं, अभी उनके रेट क्या हैं, और आगे उनके दाम कैसे रह सकते हैं। इसके साथ ही सोने-चांदी की इसी कीमतों से जुड़ी सरकारी योजनाओं या अन्य पहलुओं का भी संक्षिप्त परिचय दिया जाएगा।
Gold Silver Price Alert
सितंबर 2025 में सोने और चांदी के रेटों में गिरावट का मुख्य कारण निवेशकों के बीच मुनाफा सुरक्षित करने का चलन रहा। जब सोने की कीमतें सितंबर के पहले सप्ताह में ₹1,07,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं, तब कई निवेशकों ने अपने गहने और सोने के गहने बेचकर मुनाफा कमाना शुरू कर दिया।
दूसरा बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने और चांदी के दामों में गिरावट देखी गई। वैश्विक बाजार में डॉलर की स्थिरता, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती, और कच्चे तेल की कीमतों जैसी प्रमुख आर्थिक घटनाओं ने भी इनकी कीमतों पर असर डाला। अमेरिका में ब्याज दरों में थोड़ी कटौती होने से सोना और चांदी निवेशकों के लिए थोड़ी महंगी होने की संभावना कम हो गई, जिससे बिकवाली बढ़ी।
तीसरा अहम पहलू भारत में त्योहार और शादी के सीजन की निकटता है। इन मौकों पर सोने की मांग सामान्यतः बढ़ती है, मगर इस बार बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण कीमतों में अधिक स्थिरता नहीं दिखी।
सोना और चांदी के मौजूदा रेट (सितंबर 2025)
सोने की कीमतों में गिरावट के बाद 24 कैरेट सोना लगभग ₹1,09,200 से ₹1,10,300 प्रति 10 ग्राम के बीच ट्रेड कर रहा है। 22 कैरेट सोना ₹1,00,800 से ₹1,01,000 के आसपास है जबकि 18 कैरेट सोना ₹82,000 के करीब मिल रहा है।
चांदी के दाम भी लगभग ₹1,25,000 से ₹1,27,000 प्रति किलो के बीच उतार-चढ़ाव कर रहे हैं। यह गिरावट चांदी की कीमतों में ₹1,000 से ₹1,150 प्रति किलो की कमी के रूप में देखी गई है।
अपने शहर या क्षेत्र के हिसाब से दाम अलग-अलग हो सकते हैं, क्योंकि वहाँ डीलर के मार्जिन, टैक्स, और मेकिंग चार्जेज भी जोड़ते हैं। बॉम्बे, नई दिल्ली, और बैंगलोर जैसे बड़े बाजारों में यह कीमतें आस-पास ही होती हैं।
सोना-चांदी के दामों पर सरकारी योजनाओं और निवेश की स्थिति
भारत सरकार सोने और चांदी से सीधे कोई दाम नियंत्रित योजना नहीं चलाती, लेकिन आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए कई वित्तीय उपाय करती है।
साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कई बार किसानों, महिलाओं और अन्य जरूरतमंद वर्गों को सोने के आभूषण खरीदने में सहायता के लिए सब्सिडी या कर्ज योजना भी चलाती हैं। उदाहरण के लिए, महिलाओं के लिए चल रही “लाडली बहना योजना” में आभूषण खरीद पर छूट या आर्थिक मदद मिल सकती है ताकि परिवारों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
वहीं, नरेन्द्र मोदी सरकार की दूसरी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Loan) के तहत व्यवसायी और छोटे उद्योग सोने के गहनों की खरीद के लिए आसानी से कर्ज ले सकते हैं। यह योजनाएं सीधे दामों को प्रभावित नहीं करतीं, लेकिन बाजार में खरीदारी बढ़ाने का काम करती हैं जिससे मांग पर असर पड़ता है।
आगे का रुख कैसा रहेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि सोना और चांदी की कीमतें अब भी मजबूत बनी रहेंगी। भले ही सितंबर में थोड़ी गिरावट आई हो, लेकिन भारत में और दुनिया में राजनीतिक-आर्थिक अनिश्चितताएँ बनी रहने के कारण सोना निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है।
त्योहारी सीजन और शादियों की वजह से मांग फिर से बढ़ सकती है। यदि अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है या अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोई बड़े आर्थिक संकट की आशंका आती है, तो सोना और चांदी के दाम फिर से तेजी से बढ़ सकते हैं।
इन सब बातों को ध्यान में रखकर निवेश करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार के उतार-चढ़ाव को समझें और जरूरत के हिसाब से ही निवेश करें।
निष्कर्ष
सितंबर 2025 में सोना-चांदी के दामों में जो गिरावट आई है वह मुनाफा सुरक्षित करने, वैश्विक आर्थिक बदलाव, और ब्याज दरों में कटौती जैसी प्रमुख वजहों से हुई है। हालांकि अभी भी दोनों कीमती धातु निवेश और गहनों के लिए लोकप्रिय हैं और उनकी कीमतें भविष्य में फिर से बढ़ सकती हैं। अपने शहर का ताजा रेट समय-समय पर जांचते रहना और समझदारी से खरीद-फरोख्त करना सबसे बेहतर रहेगा।