PM Vishwakarma Online Apply 2025: रजिस्ट्रेशन शुरू, ऐसे करें आवेदन और पाएं सरकारी लाभ

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Pm Vishwakarma yojana

भारत सरकार द्वारा पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य उन लोगों को सम्मान और सहयोग देना है जो अपने कौशल के माध्यम से समाज और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह योजना विशेष रूप से उन कारीगरों के लिए बनाई गई है जो वर्षों से पारंपरिक काम जैसे बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, नाई, मोची, राजमिस्त्री, हथकरघा बुनकर आदि का कार्य कर रहे हैं।

इस योजना का लक्ष्य इन विश्वकर्माओं को तकनीकी प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार का उद्देश्य है कि पारंपरिक व्यवसाय भी आधुनिक सुविधाओं से जुड़ें ताकि इनकी आय में वृद्धि हो सके और इनके काम को वैश्विक पहचान मिल सके।

अब सरकार ने इस योजना के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे देशभर के कारीगर अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से आसानी से योजना में आवेदन कर सकते हैं और सरकारी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

PM Vishwakarma Online Apply

पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक विशेष योजना है जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस योजना का मकसद देश के पारंपरिक कारीगरों को पहचान दिलाना और उनके कौशल को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। इनमें बढ़ई, लोहार, सुनार, नाई, राजमिस्त्री, ताला बनाने वाले, धोबी, लोमश कार्यकर्ता, दर्जी, मूर्तिकार आदि आते हैं।

यह योजना “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान” के रूप में भी जानी जाती है, क्योंकि इसमें केवल आर्थिक सहायता ही नहीं बल्कि शामिल लोगों को सरकारी मान्यता, प्रशिक्षण और उपकरणों के लिए सहायता भी प्रदान की जाती है।

योजना के मुख्य लाभ

इस योजना के तहत लाभार्थियों को कई प्रकार की सहायता दी जाती है। सबसे पहले, योजना में पंजीकरण करने वाले प्रत्येक विश्वकर्मा को सरकार द्वारा एक डिजिटल पहचान पत्र और प्रमाण पत्र दिया जाता है। यह प्रमाण-पत्र उन्हें सरकारी योजनाओं और बाजार में पहचान दिलाने में मदद करता है।

इसके अलावा सरकार उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि वे अपने काम को और अधिक आधुनिक और प्रभावी बना सकें। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को दैनिक भत्ता भी दिया जाता है ताकि उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।

योजना के अंतर्गत पात्र कारीगरों को उपकरण खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक की सहायता राशि दी जाती है। साथ ही, उन्हें कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाता है। पहले चरण में 1 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सकता है।

योजना के लिए पात्रता

पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ वही व्यक्ति उठा सकते हैं जो पारंपरिक कारीगरी या हस्तशिल्प का कार्य कर रहे हैं। आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा, जो व्यक्ति किसी अन्य सरकारी रोजगार या योजना के अंतर्गत समान सहायता प्राप्त कर रहे हैं, वे इस योजना के पात्र नहीं होंगे।

आवेदक परिवार के किसी एक सदस्य को योजना के तहत लाभ मिलेगा। आवेदन करने वाले को अपना काम चलाने का वास्तविक प्रमाण देना आवश्यक है, जैसे दुकान का प्रमाण या स्थानीय निकाय से प्रमाण पत्र।

आवेदन की प्रक्रिया

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अब ऑनलाइन शुरू हो चुकी है। आवेदन करने के लिए कारीगरों को अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से आधिकारिक पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा।

ऑनलाइन आवेदन करते समय आवेदक को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो और पारंपरिक व्यवसाय से जुड़ा प्रमाण प्रस्तुत करना होता है। आवेदन करने के बाद सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने पर लाभार्थी को योजना में चयनित किया जाता है।

जब आवेदन स्वीकृत हो जाता है तो लाभार्थी को प्रशिक्षण, प्रमाण पत्र, और वित्तीय सहायता की जानकारी दी जाती है। सरकार की ओर से लाभ राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है ताकि किसी प्रकार की मध्यस्थता न हो।

योजना का उद्देश्य और प्रभाव

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य भारतीय शिल्पकला और कारीगरी को फिर से जीवित करना है। लंबे समय से ये व्यवसाय आधुनिकता की कमी और आर्थिक संकट से जूझते रहे हैं। विश्वकर्मा योजना उनके कौशल को पहचान दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने का प्रयास है।

इस योजना के चलते लाखों कारीगर न केवल अपने पारंपरिक कार्य को जारी रख पाएंगे, बल्कि आधुनिक साधनों के उपयोग से अपने उत्पादों की गुणवत्ता और बाजार मूल्य भी बढ़ा सकेंगे।

निष्कर्ष

पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक हुनरमंदों के लिए आत्मनिर्भरता और सम्मान की दिशा में केंद्र सरकार का एक सराहनीय कदम है। इससे न केवल कारीगरों को आर्थिक सहायता मिलेगी बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी मिलेगी। जो व्यक्ति अपने कौशल से जीवन को आगे बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए यह योजना एक सुनहरा अवसर है।

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