GST के लागू होने के बाद देश में कई जरूरी चीजों के दामों में बदलाव आता रहता है। हाल ही में केंद्र सरकार ने दूध जैसी बुनियादी जरूरत की वस्तु की कीमतों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। साल 2025 की GST बैठक के बाद से दूध की कीमतों में भारी कमी आई है, जिससे आम जनता और किसान दोनों को राहत मिली है। यह फैसला सरकार द्वारा किए गए कई अध्ययनों और चर्चाओं के बाद लिया गया है, और इसका मकसद देशभर में दूध की उपलब्धता को आसान बनाना और उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम करना है।
दूध देश का सबसे जरूरी और रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली चीजों में आता है। खास तौर पर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए इसका महत्व बहुत ज्यादा है। लेकिन बीते कुछ समय में बढ़ती कीमतों ने आम परिवारों के बजट को प्रभावित किया है। ऐसे में नई सरकार की पहल से अब हर घर तक सस्ता और गुणवत्ता वाला दूध पहुंच सकेगा।
GST Milk Price Drop 2025
साल 2025 की GST काउंसिल की बैठक में दूध की कीमतों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। बैठक में विशेष फोकस उन परिवारों पर था जो रोजाना दूध का उपयोग करते हैं और जिन पर बीते दिनों में दूध की बढ़ती कीमतों का ज्यादा असर पड़ा था। सरकार ने प्रमुख रूप से यह फैसला लिया कि दूध को GST के सबसे कम दर के स्लैब में रखा जाएगा। यानी अब दूध पर लगने वाला GST काफी कम हो गया है, जिससे दूध के दाम अपने आप बहुत कम हो जाएंगे।
इस फैसले के बाद अब 500 मिली दूध की थैली जो पहले ₹30 से ₹34 के बीच बिकती थी, उसके रेट घटकर ₹24 से ₹27 हो जाएंगे। वहीं, 1 लीटर दूध की कीमत अब ₹48 से ₹52 के बीच आ सकती है, जो पहले ₹60 के आसपास थी। यह फायदेमंद फैसला गर्मियों और त्योहारों के सीजन में लोगों के बजट को काफी बेहतर बनाएगा, क्योंकि दूध की खपत बढ़ जाती है और आम आदमी पर बोझ बढ़ जाता था।
दूध सस्ता होने का बड़ा कारण
दूध की कीमतें घटने के पीछे GST स्लैब को घटाना सबसे बड़ा कारण है। पहले दूध पर 12% GST लगता था, जिसे अब घटाकर 5% कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि दूध जैसी जरूरी और रोजाना की चीज को महंगा रखना सही नहीं है। इसके अलावा, सरकार ने किसानों और पशुपालकों के लिए सब्सिडी योजनाओं में भी बढ़ोतरी की है।
पशुपालकों को अब हर लीटर दूध की बिक्री पर सरकार से सीधा प्रोत्साहन (इंसेंटिव) मिलेगा, जिससे उनकी लागत घटेगी और उत्पादन बढ़ेगा। डेयरियों को बिजली और मशीनरी पर मिलने वाली सब्सिडी भी बढ़ाई गई है, जिससे दूध का प्रोसेसिंग खर्च और वितरण में कमी आएगी। कुल मिलाकर यह फैसला बड़े स्तर पर दूध के दाम घटाने में मदद करेगा और उत्पादन को भी बढ़ाएगा।
इसके लाभ और प्रभाव
दूध की कीमतों में कमी से सबसे बड़ा फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा। खासकर गरीब, मजदूर और मध्यमवर्गीय परिवार, जो रोजाना दूध खरीदते हैं, उन्हें अब अपनी जेब से कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे। साथ ही इसका सबसे बढ़िया असर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर पड़ेगा। दूध के दाम सस्ते होने से कुपोषित बच्चों तक दूध पहुंचाना आसान होगा।
वहीं, मिडडे मील योजना, सरकारी अस्पताल, स्कूल और अन्य संस्थागत खरीद भी दूध सस्ता होने से ज्यादा बड़े स्तर पर कर सकेंगे। यह सरकार की सेहत सुधारने, कुपोषण मिटाने और लोगों को पोषण देने की मुहिम को सफल बनाएगा। किसानों और पशुपालकों को सस्ता क्रेडिट, इंसेंटिव और सब्सिडी मिलना शुरू हो गया है, जिससे उनकी आय में भी स्पष्ट इजाफा देखने को मिलेगा।
कौन सी योजना के तहत फायदा
इस फैसले के तहत सरकार ने “प्रधानमंत्री दूध सस्ती योजना” (PM Dudh Sasti Yojana) की शुरुआत भी की है। इस नई योजना के तहत हर राज्य की डेयरियों और दूध उत्पादकों को कर एवं अन्य इनपुट पर छूट दी जाएगी। योजना का मकसद देश के हर गरीब और जरूरतमंद परिवार तक सस्ता, गुणवत्ता वाला दूध पहुंचाना है।
साथ ही योजना के तहत पशुपालकों को पशु चारे की कीमतों में अतिरिक्त सब्सिडी और बैंक ऋण पर ब्याज में छूट दी जाएगी। सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर ग्राम स्तर पर आम लोगों तक सस्ते दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में भी अब दूध के पैकेट शामिल किए जाएंगे।
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता
अगर कोई किसान, पशुपालक या डेयरी मालिक इस योजना का लाभ लेना चाहता है, तो उसे सरकारी पोर्टल पर जाकर PM Dudh Sasti Yojana के लिए आवेदन करना होगा। बस आधार कार्ड, बैंक खाता, पशु संख्या और उत्पादन की जानकारी बतानी होगी। आवेदन के 15 दिन के भीतर ही सब्सिडी-प्रोत्साहन मिलना शुरू हो जाता है।
आम नागरिकों को पात्रता के लिए कोई अतिरिक्त आवेदन नहीं करना पड़ेगा, उन्हें बस दूध की पैकेट पर अंकित नए रेट देखकर खरीद करना है। सरकारी राशन की दुकानों, स्कूलों और अस्पतालों में सस्ते दूध की सप्लाई शुरू कर दी गई है।
डेयरियों और बाजार में बदलाव
देशभर की डेयरियां अब सरकार के नए निर्देशों के अनुसार खुदरा विक्रेताओं को सस्ता दूध उपलब्ध करा रही हैं। दूध के वितरकों को भी कर राहत और अन्य परिवहन सब्सिडी दी जा रही है, जिससे दूर-दराज के गांवों तक सस्ती दरों में दूध पहुंच सके।
नई रेट वाली दूध की थैलियों और बोतलों पर “GST के बाद नया रेट” लिखा मिलेगा और ग्राहक अब पहले से ज्यादा सस्ते दाम पर दूध खरीद सकते हैं।
आम जनता पर असर
सरकार के इस फैसले से आम जनता में काफी खुशी का माहौल है। सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर लोगों ने दूध सस्ता होने का स्वागत किया है। अधिकांश परिवारों का कहना है कि दूध के सस्ता होने से बच्चों की पोषण जरूरतें पूरी होंगी और बजट भी मैनेज करना आसान हो जाएगा।
पशुपालकों और किसानों के लिए राहत का संदेश पहुंचा है क्योंकि हर लीटर की बिक्री पर पहले से ज्यादा पैसा हाथ में आएगा। सरकार की मंशा है कि दूध के सस्ता होने से देश के हर परिवार की बेहतर सेहत सुनिश्चित हो सके।
निष्कर्ष
GST बैठक के बाद दूध पर बड़ा फैसला हुआ है जिससे दूध की कीमतों में भारी कमी आई है। अब हर खास और आम परिवार तक सस्ते दर में गुणवत्तापूर्ण दूध पहुंच पाना आसान होगा। सरकार की नई सस्ती दूध योजना का फायदा किसानों, पशुपालकों और आम लोगों तीनों को मिलेगा, जिससे खाद्य सुरक्षा, पोषण और ग्रामीण आय सबका स्तर ऊपर जाएगा।